ऐसा क्यों होता है ?
++ गोदी के बच्चे की किलकारियां हमें क्यों खीचती हैं ?
++ भौरों की गुनगुनाहट हमें क्यों बुलाती है ?
++ झरनें का नाद हमें क्यों अपना सा लगता है ?
++ कोयल की मधुर आवाज हमें क्यों आकर्षीत करती है ?
++ पूनम का चाँद हमारे मन को अपनी ओर क्यों खीच लेता है ?
++ आकाश में खिले सितारे हमें ऊपर देखनें के लिए क्यों बुलाते हैं ?
++ पंडित रवि शंकर , पंडित हरी प्रसाद चौरसिया और बिस्मिल्ला खान के संगीत हमें क्यों पकड़ते हैं ?
++ बुद्ध पुरुष के बचन हमें क्यों बुलाते हैं ?
ढेर सारी बातें हैं और हमाने पास मन - बुद्धि का एक तंत्र है जिसके सहारे हम सब कुछ जानना चाहते हैं ।
सारा जीवन समझनें में गुजर जाता है और हम क्या जान पाते हैं , कुछ कहना संभव नही दिखता ?
हम जीवन में जो कुछ करते हैं वह मात्र इस पर आधारित होता है की ------
हम एवं हमारा परिवार सुरक्षित रहे ....
हम एवं परिवार खुश रहे .....
हमें लोग अच्छी नज़र से देखें ....
ज़रा सोचना क्या अभी तक हमनें जो कुछ भी किया है उस से हम संतुष्ट हैं , यदि नहीं तो भूल कहा हो रही है ?
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हम जीवन में जो कुछ करते हैं वह मात्र इस पर आधारित होता है की ------
हम एवं हमारा परिवार सुरक्षित रहे ....
हम एवं परिवार खुश रहे .....
हमें लोग अच्छी नज़र से देखें ....
ज़रा सोचना क्या अभी तक हमनें जो कुछ भी किया है उस से हम संतुष्ट हैं , यदि नहीं तो भूल कहा हो रही है ?
इसके बाद कहने को बचा ही क्या है ??