गीता तत्त्व भाग - 3
गीता तत्त्व भाग - 3
1- प्राण वायुका नियंत्रण मन जो निर्मल रखता है । 2- गुणोंके प्रभावके कारण मनुष्यके स्वाभाव नें भिन्नताएँ दिखती हैं ।
3- राग - द्वेष रहित मन परमात्माका घर होता है । 4- मोह और असंतोष आपस में मिलकर काम करते हैं ।
5- बुद्धिमान व्यक्ति एक भ्रमर जैसा होता है जो सभीं जगहों से सार इकठ्ठा करता है ।
~~~ ॐ ~~~
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